गर्मियों का मौसम आ गया है और साथ ही लाया है डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा। इन बीमारियों में प्लेटलेट्स कम होने की समस्या आम है, जो जानलेवा भी हो सकती है।ऐसे में, प्राकृतिक उपचारों की मदद लेना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इनमें से एक है लौकी का जूस।लौकी में भरपूर मात्रा में पानी और पोषक तत्व होते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और प्लेटलेट्स की संख्या में वृद्धि करने में मददगार होते हैं।आइए जानते हैं कैसे लौकी का जूस डेंगू-चिकनगुनिया में फायदेमंद हो सकता है:

1. प्लेटलेट्स बढ़ाता है: लौकी में विटामिन K और मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो रक्त के थक्के बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

2. इम्युनिटी बूस्ट करता है: लौकी में विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं और संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं।

3. शरीर को हाइड्रेट रखता है: लौकी में 90% से अधिक पानी होता है, जो डेंगू-चिकनगुनिया में होने वाले निर्जलीकरण को रोकने में मदद करता है।

4. बुखार कम करता है: लौकी का शीतल प्रभाव बुखार को कम करने में मददगार होता है।

5. पाचन क्रिया में सुधार करता है: लौकी पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में भी मदद करती है, जो बीमार होने पर अक्सर बिगड़ जाती है।

लौकी का जूस कैसे बनाएं:

  • सामग्री: 1 लौकी, 1 छोटा चम्मच शहद (वैकल्पिक)
  • विधि: लौकी को धोकर छोटे टुकड़ों में काट लें।
  • एक ब्लेंडर में लौकी के टुकड़े और थोड़ा पानी डालकर अच्छी तरह पीस लें।
  • छानकर लौकी का जूस निकाल लें।
  • स्वाद के लिए इसमें थोड़ा शहद मिला सकते हैं।

कितना पिएं:

  • आप दिन में 2-3 बार, 100-200 मिलीलीटर लौकी का जूस पी सकते हैं।

ध्यान दें:

  • गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को लौकी का जूस पीने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
  • मधुमेह के रोगियों को शहद मिलाकर पीने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

लौकी के जूस के अलावा, प्लेटलेट्स बढ़ाने और डेंगू-चिकनगुनिया में जल्दी रिकवरी के लिए आप ये उपाय भी कर सकते हैं:

  • पानी और तरल पदार्थ भरपूर मात्रा में पिएं।
  • पौष्टिक भोजन खाएं, जिसमें हरी सब्जियां, फल, दाल, चावल और पनीर शामिल हों।
  • आराम करें और तनाव से बचें।
  • डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं का नियमित रूप से सेवन करें।

यह भी याद रखें कि जल्दी डॉक्टर से संपर्क करना और उचित उपचार करवाना सबसे महत्वपूर्ण है।

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